अयोध्या। अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन समारोह के साथ ही मंदिर निर्माण का काम शुरू हो गया है। इससे पहले सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को न्यायालय के आदेश पर मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन पहले ही चिन्हित करके हस्तांतरित कर दी गई है।
Mosque will not be built on the land of Ayodhya under the name Babur, know why
शुक्रवार को सुन्नी वक्फ बोर्ड की गठित ट्रस्ट इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन ने प्रेस नोट के माध्यम से साफ किया है कि अयोध्या में बाबर के नाम पर किसी भी मस्जिद या अस्पताल का निर्माण नहीं होगा।
ट्रस्ट ने कहा है कि मिली पांच एकड़ की जमीन पर अस्पताल, रिसर्च सेंटर और पुस्तकालय बनाया जाएगा।
बयान में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नामक एक ट्रस्ट का निर्माण किया है, जिसका उद्देश्य माननीय सुप्रीम कोर्ट से उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को अयोध्या के धनीपुर में दी गई 5 एकड़ भूमि पर उपयोगी निर्माण कराना है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मिली इस जमीन पर एक मस्जिद, एक सांस्कृतिक और शोध केंद्र एक अस्पताल, एक पुस्तकालय बनाया जाएगा।
प्रेस नोट में यह भी कहा गया कि भिन्न-भिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर एक झूठी खबर फैलाई जा रही है कि उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने एक बाबरी अस्पताल बनाने का फैसला किया है और खलील खान उसके डायरेक्टर होंगे।
अयोध्या जनपद के सोहावल तहसील में जनपद मुख्यालय से करीब 18 किलोमीटर दूर लखनऊ-गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग से सटे थाना रौनाही के पीछे धन्नीपुर में जमीन मस्जिद के लिए दी गयी है।
बता दें कि मस्जिद के लिए चिन्हित जमीन कृषि विभाग की है। 5 एकड़ भूमि जिस इलाके में दी गई है, वहां पर प्रसिद्ध शहजाद शाह की दरगाह है।